आरबीआई ने रेपो रेट में की बड़ी कटौती, मकान, वाहन लोन होंगे सस्ते

दर घटाकर 5.5 प्रतिशत किया, अर्थव्यवस्था को मिलेगी रफ्तार

मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आर्थिक वृद्धि तेज करने के मकसद से शुक्रवार को प्रमुख नीतिगत दर रेपो को उम्मीद से अधिक 0.5 प्रतिशत घटाकर 5.5 प्रतिशत कर दिया। साथ ही नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में भी एक प्रतिशत की कटौती की घोषणा की। इस कदम से बैंकों के पास कर्ज देने के लिए अधिक नकदी उपलब्ध होगी जो अर्थव्यवस्था को गति देने का काम करेगी। इससे मकान, वाहन और अन्य कर्ज सस्ते होने की उम्मीद है। इस कटौती के साथ आरबीआई इस साल फरवरी से लेकर अब तक रेपो दर में कुल एक प्रतिशत की कटौती कर चुका है। इस साल फरवरी और अप्रैल की मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर में 0.25-0.25 प्रतिशत की कटौती की गयी थी। आरबीआई ने मई 2020 के बाद पहली कटौती फरवरी में की थी।

आरबीआई ने यह कदम ऐसे समय उठाया है जब मुद्रास्फीति अप्रैल में घटकर लगभग छह साल के निचले स्तर 3.16 प्रतिशत और आर्थिक वृद्धि दर 2024-25 में चार साल के न्यूनतम स्तर 6.5 प्रतिशत पर आ गयी है। आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा की अगुवाई वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने प्रमुख ब्याज दर रेपो दर 0.50 प्रतिशत घटाकर 5.5 प्रतिशत करने का निर्णय किया। समिति के छह में से पांच सदस्यों ने इसके पक्ष में मतदान किया। समिति ने सीआरआर को भी एक प्रतिशत घटाकर तीन प्रतिशत कर दिया। इससे बैंकों में नकदी में 2.5 लाख करोड़ की वृद्धि होगी ।

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मल्होत्रा ने कहा कि उभरती वृहद आर्थिक, वित्तीय गतिविधियों और आर्थिक परिदृश्य पर गौर करने के बाद एमपीसी ने रेपो दर में कटौती करने का निर्णय किया है। इस कटौती के साथ आरबीआई इस साल फरवरी से लेकर अबतक रेपो दर में कुल एक प्रतिशत की कटौती कर चुका है। रेपो वह ब्याज दर है, जिस पर वाणिज्यिक बैंक अपनी तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं। अगर बैंक इसका पूरा लाभ कर्जदारों को देते हैं, तो आवास, वाहन और व्यक्तिगत कर्ज पर मासिक किस्तों (ईएमआई) में 0.5 प्रतिशत की कमी आएगी।

आगे और कटौती की गुंजाइश काफी कम: मल्होत्रा
आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि नीतिगत दर रेपो में 0.50 प्रतिशत कटौती की घोषणा के बाद इसमें आगे और कमी करने की बहुत कम गुंजाइश दिख रही है। भविष्य की मौद्रिक नीति कार्रवाई आने वाले आंकड़ों पर निर्भर करेगी। उन्होंने कहा, मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए मौद्रिक नीति के लिए अब बहुत सीमित गुंजाइश है। वृद्धि का अनुमान लगभग 6.5 प्रतिशत है और हम मुद्रास्फीति के इस साल 3.7 प्रतिशत और अगले वर्ष के लिए चार प्रतिशत से अधिक रहने का अनुमान लगा रहे हैं।

सेंसेक्स 747 अंक उछला निफ्टी 25,000 के पार
नीतिगत ब्याज दर में आधा प्रतिशत की कटौती और बैंकों को कर्ज देने के लिए अतिरिक्त राशि का इंतजाम करने के रिजर्व बैंक के फैसले से उपजी सकारात्मक धारणा के बीच शुक्रवार को सेंसेक्स 747 अंक उछल गया जबकि निफ्टी एक बार फिर 25,000 का स्तर पार कर गया।

आर्थिक वृद्धि होगी तेज
विशेषज्ञ विशेषज्ञों ने आरबीआई द्वारा रेपो दर को 0.50 प्रतिशत घटाकर 5.50 प्रतिशत करने तथा नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) को चार किस्तों में एक प्रतिशत कम करने के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि यह उम्मीद से कहीं अधिक है। बंधन बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री सिद्धार्थ सान्याल ने कहा, नीतिगत दर में 0.50 प्रतिशत की कटौती उम्मीद से अधिक है। इससे आर्थिक वृद्धि में तेजी आएगी। आनंद राठी समूह के कार्यकारी निदेशक सुजान हाजरा ने कहा कि मुद्रास्फीति में नरमी के बीच बड़ी कटौती से वृद्धि को समर्थन देने की स्पष्ट मंशा प्रतिबिंबित होती है।

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